तेरा ना मिलना मेरा नसीब ही सही, मेरी किस्मत मे लिखा है तुमको बेहद चाहना।।

तू जीतकर भी रो पड़ेगा, हम तुझसे कुछ इस तरह से हारेंगे।

आओ कुछ देर जिक्र करे उन दीनो का,,,, जब हम तुम्हारे और तुम हमारे थे ,,,,,

मुझे पाने की तुम ज़िद्द न करो, किसी की छोड़ी हुई मोहब्बत हूँ मैं…!!

मुखतसर सी ज़िंदगी के भी अज़ीब फंसाने हैं … यहाँ तीर भी चलाने हैं और परिन्दें भी बचाने हैं…